आर्य समाज के नियम
आर्य समाज की स्थापना सन् 1875 ईस्वी में स्वामी दयानंद सरस्वती ने बंबई में की थी। भारत में आर्य समाज की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य हिंदू धर्म और समाज में व्याप्त कुरीतियों तथा बुराइयों को समाप्त करना था। इसके अतिरिक्त इस समाज के द्वारा वैदिक धर्म की पुनः स्थापना की जाने का लक्ष्य था।
आर्य समाज के नियमों में भी यही बताया गया है कि सामाजिक एकता पर बल देना चाहिए जिससे समाज को एक नई दिशा प्रदान हो।
आर्य समाज के नियम से संबंधित गतिविधि में सभी छात्रों ने बड़े ही उत्साह से भाग गया और उन्होंने आर्य समाज के नियमों को याद करकर सुनाया व उनके अर्थ भी समझाए ।
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