नाट्य कालांश

रंगमंच वह स्थान है जहाँ नृत्य ,नाटक , खेल आदि का मंचन किया जाए ।रंगमंच ,रंग और ‘मंच ‘दो शब्दों से मिलकर बना है । रंग इसलिए प्रयुक्त हुआ है कि  किसी भी दृश्य को आकर्षक बनाने हेतु दीवारों , छतों और पर्दों पर  विविध प्रकार की तैयारी की जाती है ।अभिनेताओं की वेशभूषा तथा सज्जा में विविध रंगों का प्रयोग होता है और मंच इसलिए प्रयुक्त हुआ है कि दर्शकों की सुविधा हेतु रंगमंच का तल (फ़र्श)कुछ ऊँचा रहता है ।इसी आधार पर आज हमने बच्चों के माध्यम से कुछ निर्जीव वस्तुओं की सोच को नाटकीय भूमिका में दर्शाया जैसे खिड़की- दरवाज़े , मेज़ - कुर्सी ।

















 

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